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Friday 1 February 2019

दोज़ख का बयान* #02

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - जहन्नम में कफ़िरों की क्या हालत होगी ? 

     *जवाब* - काफ़िर उस में हमेशा कैद रखे जाएंगे और आग की तेजी उन पर दम ब दम जियादती करेगी, पीने को उन्हें गर्म पानी मिलेगा और इस कदर गर्म कि जिस से मुंह फट जाए और ऊपर का होंट सुकड़ कर आधे सर तक पहुंचे और नीचे का फट कर लटक आए, इन का ठिकाना जहीम (दोजख का एक तब्का) है, मलाइका उन को मारेंगे। 

     वोह ख्वाहिश करेंगे कि किसी तरह वोह हलाक हो जाएं और उन की रिहाई की कोई सूरत न होगी, कदम पेशानियों से मिला कर बांध दिये जाएंगे, गुनहों की सियाही से मुंह काले होंगे, जहन्नम के अतराफ व जवानिब शोर मचाते और फ़रयाद करते होंगे कि ऐ मालिक! अज़ाब का वादा हम पर पूरा हो चुका है। ऐ मालिक!लोहे के बोझ ने हमें चकना चूर कर दिया। ऐ मालिक! हमारे बदनों की खालें जल गईं। ऐ मालिक! हम को इस दोजख से निकाल। हम फिर ऐसी ना फरमानी न करेंगे। 

     फ़िरिश्ते कहेंगे : दूर हो! अब अम्न नहीं और इस ज़िल्लत के घर से रिहाई न मिलेगी इसी में ज़लील पड़े रहो और हम से बात न करो। उस वक्त उन की उम्मीदे टूट जाएंगी और दुन्या में जो कुछ सरकशी वोह कर चुके हैं इस पर अफ्सोस करेंगे लेकिन उस वक्त उज्र व नदामत कुछ काम न आएगा, अफ़सोस कुछ फाएदा न देगा बल्कि वोह हाथ पाउँ बांध कर चेहरों के बल आग में धकेल दिये जाएंगे। उन के ऊपर भी आग होगी नीचे भी आग। दाए भी आग बाएं भी आग। आग के समन्दर में डूबे होंगे। खाना आग और पीना आग, पहनावा आग और बिछौना आग, हर तरफ़ आग ही आग, इस पर गुर्ज़ों की मार और भारी बेड़ियों का बोझ। आग उन्हें इस तरह खोलाएगी जिस तरह हांड़ियां खोलती हैं, वोह शोर मचाएंगे उन के सरों पर से खोलता पानी डाला जाएगा जिस से उन के पेट की आंतें और बदनों की खालें पिघल जाएंगी, लोहे के गजे मारे जाएंगे जिस से पेशानियां पिचक जाएंगी, मुंहों से पीप जारी होगी, प्यास से जिगर फ़ट जाएंगे, आंखों के ढेले बह कर रुख्सारों पर आ पड़ेंगे, रुख्सारों के गोश्त गिर जाएंगे, हाथ पाउं के बाल और खाल गिर जाएंगे और न मरेंगे, चेहरे जल भून कर सियाह कोएले हो जाएंगे, आंखें अन्धी और जबाने गुंगी हो जाएंगो, पीठ टेढ़ी हो जाएगी, नाके और कान कट जाएंगे, खाल पारा पारा हो जाएगी, हाथ गर्दन से मिला कर बांध दिये जाएंगे और पाउं पेशानी से, आग पर मुंह के बल चलाए जाएंगे और लोहे के कांटों पर आँख के ढेलों से राह चलेंगे, आग की लपट बदन के अन्दर सरायत कर जाएगी और दोज़ख के सांप बिच्छु बदन पर लिपटे, डसते, काटते होंगे।

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 51

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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