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Tuesday 24 October 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 27*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_दय्यूसी_*
(जो लोग बा वुजूदे कुदरत अपनी औरतों और महारिम को बे पर्दगी से मना न करें वो "दय्यूसी" है।)

     हज़रते इब्ने उमर رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : तीन शख्स जन्नत में दाखिल न होंगे : (1) वालिदैन का ना फरमान (2) दय्यूसी (3) मर्दाना वज़अ बनाने वाली औरत।
*✍🏼مسندرك حاكم*

     जिस शख्स को अपनी बीवी के फहाशि में मुब्तला होने का (ग़ालिब) गुमान हो फिर भी वो अपनी महब्बत की वजह से उस से गफलत बरते तो ऐसा शख्स अगर्चे गुनाहगार है लेकिन इस का गुनाह उस शख्स से कम है जो खुद अपनी बीवी को फहाशि के लिये पेश करता हो। जिस में गैरत नही उस में कुछ भलाई नहीं।
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 110

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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