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Wednesday 4 October 2017

*रात को सोते वक़्त का अमल*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

रात को सोते वक़्त दुआए वगैरा पढ़ के इस तरह कहे..
★ या अल्लाह मेने सब को मुआफ़ किया, इसे क़ुबूल फरमा।
★ या अल्लाह मुझसे जाने अन्जाने में जो भी गुनाह हुए है उसे मुआफ़ फरमा।
★ या अल्लाह मेरे वालिदैन की मगफरित फरमा।
★ या अल्लाह तमाम मोमिनो की मगफिरत फरमा।
★ या अल्लाह आज के दिन में मेने जो भी नेकियां की है उसमे जो भी गलतियां हुई हो उसे मुआफ़ फरमा।
★ या अल्लाह मेने आज के दिन में जो भी नेकियां की है वो तेरे महबूब व मेरे आक़ा हज़रत मुहम्मद صلى الله عليه وسلم की बारगाह में नज़्र कर रहा/रही हु इसे क़ुबूल फरमा।
★ तमाम अज़्वाजे मुतह्हरात व आले रसूल की बारगाह में नज़्र कर रहा/रही हु इसे क़ुबूल फरमा।
★ तमाम अम्बियाऐ किराम की बारगाह में नज़्र कर रहा/रही हु इसे क़ुबूल फरमा।
★ तमाम सहाबाऐ किराम, शोहदाए किराम, ताबेईन, तबे ताबेईन, गौषे आज़म, ख्वाजा गरीब नवाज़, इमाम अहमद रज़ा खान, *अब अपने पीर का नाम ले* व हज़रत आदम ता क़यामत तक के तमाम वली व पिरो मुर्शिद की बारगाह में नज़्र कर रहा/रही हु इसे क़ुबूल फरमा।
★ *अब अपने रिश्तेदार जो फौत हो गए हो उनका नाम ले* फिर यु कहे...व मेरे व मेरी ऐहलिया/मेरे शौहर के व मेरे वालिदैन के तमाम मोमिनो की रूह को बख्श रहा/रही हु इसे क़ुबूल फरमा।
★ हज़रत आदम ता क़यामत तक के तमाम मोमिनीन, मोमिनात मुस्लिमीन, मुस्लिमात की रूह को बख्श रहा/रही हु इसे क़ुबूल फरमा और तमाम की मगफिरत फरमा दे।
आमीन।

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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