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Thursday 13 September 2018

*नमाज़ का तरीक़ा* #36


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*नमाज़ के वाजिबात* #06

★ हर फ़र्ज़ व वाजिब का उस की जगह होना। 


★ रूकू हर रकअत में एक ही बार करना। 


★ सज्दा हर रकअत में दो बार करना। 


★ दूसरी रकअत से पहले क़ादह न करना। 


★ 4 रकअत वाली नमाज़ में तीसरी रकअत पर क़ादह न करना।


★ आयते सज्दा पढ़ी हो तो सज्दए तिलावत करना।


★ सज्दए सहव वाजिब हुवा हो तो सज्दए सहव करना। 


★ दो फर्ज़ो  या दो वाजिब या फ़र्ज़ व वाजिब के दरमियान तिन तस्बीह की क़दर (यानि तिन बार सुब्हान अल्लाह कहने के मिक़दार) वक़्फ़ा न होना। 


★ इमाम जब किराअत करे ख्वाह बुलंद आवाज़ से हो या आहिस्ता आवाज़ से, मुक्तदि का चुप रहना। 


★ किराअत के सिवा तमाम वाजिबात में इमाम की पैरवी करना। 

*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 173*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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