بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*गुस्ल फ़र्ज़ होने के अस्बाब*
🔹मनी का अपनी जगह से शहवत के साथ जुदा हो कर उज़्व से निकलना।
🔹ऐहतिलाम यानी सोते में मनी का निकल जाना।
🔹शर्मगाह में हश्फ़ा दाखिल हो जाना ख़्वाह शहवत हो या न हो, इन्ज़ाल हो या न हो, दोनों पर गुस्ल फ़र्ज़ है।
🔹हैज़ से फ़ारिग़ होना।
🔹निफ़ास (यानि बच्चा जनने पर खून आता है उस) से फ़ारिग़ होना।
*✍🏼बहारे शरीअत, जी.1, स.321-324*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 88-89*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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