بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*छोटे भाई को साथ लेजाने की बाप के हुज़ूर दरख्वास्त*
याकूब عليه السلام के बेटों ने आपकी खिदमत में अर्ज़ किया कि मिस्र के बादशाह ने हमारे साथ बहुत अच्छा सलूक किया है। हमारी पूंजी वापस कर दी है उम्मीद है कि वापस नहीं लेगा अगरचे हमें जाकर पता करना है कि वापस करने का सबब क्या है? लेकिन अगर हम छोटे भाई बुन्यामिन को साथ न ले गये तो हमें गल्ला नहीं मिलेगा इसलिये हमारे साथ भाई को भेज दो हम इसकी हिफाज़त करेंगे।
आप ने फ़रमाया की तुमने तो पहले युसूफ की ज़िम्मेदारी भी उठाई थी।
तवज्जोह वाला मक़ाम यह है कि आपने बेटों के हायल देखा हुआ था फिर बुन्यामिन को साथ भेजने का फैसला क्यों किया? इसकी वजह यह थी कि अब वो बड़ी उम्रों के हो चुके थे नेकी की तरफ माइल हो चुके थे और युसूफ عليه السلام की तरह बुन्यामिन से हसद किना भी नहीं रखते थे। क़हत की वजह से गल्ला लाने की मोहताजी भी थी और युसूफ عليه السلام ने बुन्यामिन के बगैर गल्ला देने से भी इंकार कर दिया था इसलिये अपने साथ भेजने का फैसला किया लेकिन सबसे बड़ी वजह यह थी की अल्लाह ने वही के ज़रिये आपको बता दिया था कि आप साथ भेज दे में इसकी हिफाज़त करूँगा ओर आप तक इसे वापस पहुंचा दूंगा।
*✍तज़किरतुल अम्बिया* 151
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Friday 13 July 2018
*तज़किरतुल अम्बिया* #189
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