بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*युसूफ عليه السلام पर चोरी का इल्ज़ाम कैसे?*
आप عليه السلام के नाना बूत परस्त था। एक मर्तबा आपने नाना का एक सोने का बना हुआ बूत जो लअल व जवाहर से मुज़य्यन था, उठा लिया और उसे तोड़ दिया, नाना के बूत को लाने में आपकी वालदा का मशवरा कार गर था कि वो बूत परस्ती छोड़ दे। आपका बूत को चुपके से लाना ओर से तोड़ देना इबादत था, कोई चोरी का काम नहीं था, लेकिन बज़ाहिर आपकी तरफ चोरी को मन्सब दिया गया था।
दूसरी वजह ये बयान की गई थी कि युसूफ عليه السلام अपने फूफी के ज़ेरे कफालत थे जो हज़रत इस्हाक़ عليه السلام की औलाद में सबसे बड़ी थी, वह आपसे बहुत ज़्यादा महब्बत करती थी। याकूब عليه السلام ने जब उनसे मुतालबा किया कि अब युसूफ को मेरे हवाले कर दो तो उन्होंने कहा क़सम है अल्लाह की, में इसे अपनेसे जुदा नहीं कर सकती, मेरे पास कुछ दिन रहने दो में आहिस्ता आहिस्ता कोशिश करूंगी की मुझे इसके बगैर तसल्ली हासिल हो जाये। फिर में उनको तुम्हारे हवाले करूंगी। जब याकूब عليه السلام चले गए तो उन्होंने एक कमर बंद युसूफ عليه السلام के कपड़ों के नीचे बांध दिया, कमर बंद हज़रत हज़रत इस्हाक़ عليه السلام का था जो आपको बड़ी होने की वजह से बतौरे विरासत मिला था।
आपने फ़रमाया मेरे बाप का कमरबन्द गम हो गया है ज़रा तलाश करो कौन ले गया फिर आपने कहा घर मे ही तलाश करो मुमकिन है घर के किसी फर्द ने ही न ले लिया हो। दौरान तफ्तीश कमरबन्द युसूफ عليه السلام से मिला गया।
फिर उन्होंने याकूब عليه السلام को कहा कि युसुफ ने मेरे बाप का कमरबन्द ले लिया था इसलिए अब इसे मेरे पास ही रहना होगा। इस तरह वो युसूफ عليه السلام को अपने पास रखने में कामयाब हो गई। एन मुमकिन है कि याकूब عليه السلام भी जानते हो कि मेरी बड़ी बहन युसूफ को आने पास रखने का हिला किया है लिहाज़ा उनके पास ही रहने दिया जाये।
युसूफ عليه السلام ने भी इस बात को पर्दे में ही रखा किसी के सामने ज़ाहिर न किया। इसी तरह भाइयों के इस कहने को "इसके भी ने भी चोरी की थी" अभी किसी को न बताया।
*✍तज़किरतुल अम्बिया* 157
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Thursday 19 July 2018
*तज़किरतुल अम्बिया* #194
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