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Wednesday 29 August 2018

सूरतुल बक़रह, रुकुअ-6, आयत, ⑤③*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

और जब हमने मूसा को किताब दी और सत्य और असत्य में पहचान कर देना कि कहीं तुम राह पर आओ.


*सूरतुल बक़रह, रुकुअ-6, आयत, ⑤④*

और जब मूसा ने अपनी कौ़म से कहा ऐ मेरी कौ़म तुमने बछड़ा बनाकर अपनी जानों पर ज़ुल्म किया तो अपने पैदा करने वाले की तरफ़ लौट आओ तो आपस में एक दूसरे को क़त्ल करो(12) यह तुम्हारे पैदा करने वाले के नज्द़ीक तुम्हारे लिये बेहतर है तो उसने तुम्हारी तौबह क़ुबूल की, बेशक वही है बहुत तौबह क़ुबूल करने वाला मेहरबान(13)


*तफ़सीर*

     (12) यह क़त्ल उनके कफ़्फ़ारे (प्रायश्चित) के लिये था.

     (13) जब बनी इस्राइल ने तौबह की और प्रायश्चित में अपनी जानें दे दीं तो अल्लाह तआला ने हुक्म फ़रमाया कि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम उन्हें बछड़े की पूजा की माफ़ी मांगने के लिये हाज़िर लाएं. हज़रत उनमें से सत्तर आदमी चुनकर तूर पहाड पर ले गए. वो कहने लगे- ऐ मूसा, हम आपका यक़ीन न करेंगे जब तक ख़ुदा को रूबरू न देख लें. इस पर आसमान से एक भयानक आवाज़ आई जिसकी हैबत से वो मर गए. हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने गिड़गिड़ाकर अर्ज की कि ऐ मेरे रब, मै बनी इस्राइल को क्या जवाब दूंगा. इस पर अल्लाह तआला ने उन्हें एक के बाद एक ज़िन्दा फ़रमाया. इससे नबियों की शान मालूम होती है कि हज़रत मूसा से “लन नूमिना लका” (ऐ मूसा हम हरग़िज तुम्हारा यक़ीन न लाएंगे) कहने की सज़ा में बनी इस्राइल हलाक किये गए. हुज़ूर सैयदे आलाम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के एहद वालों को आगाह किया जाता है कि नबियों का निरादर करना अल्लाह के प्रकोप का कारण बनता है, इससे डरते रहें. यह भी मालूम हुआ कि अल्लाह तआला अपने प्यारों की दुआ से मुर्दे ज़िन्दा फ़रमा देता है.

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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