Pages

Thursday 9 August 2018

दुन्या से महब्बत का अन्जाम*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     हज़रते ईसा عليه السلام एक बस्ती पर से गुज़रे तो उसके तमाम बाशिंदों को गलियों में मुह के बल गिरे हुए मुर्दा हालत में पाया। आप عليه السلام को बहुत तअज्जुब हुवा और फ़रमाया: ऐ हवारियो! ये लोग अल्लाह के अज़ाब और गज़ब में मुब्तला हो गए हैं। तो हवारियो ने अर्ज़ की हमे इनका वकीआ जानना है। इसे عليه السلام ने उन के बारे में जानने के लिये अल्लाह की बारगाह में दुआ की तो अल्लाह ने उनकी तरफ वही फ़रमाई: जब रात का वक़्त हो तो बस्ती वालों को आवाज़ देने ये तुम्हें जवाब देंगे।

     जब रात हुई तो इसे عليه السلام एक टीले पर तशरीफ़ लाए और बस्ती वालों को पुकारा तो उनमें से एक शख्स ने जवाब दिया लब्बैक या रूहुल्लाह! आप عليه السلام ने उससे पूछा तुम्हारा वाक़्या क्या है? उसने अर्ज़ की रात को हम चैन से सोए हुए थे और सुबह को हलाकत में मुब्तला हो गए। पूछा ऐसा क्योंकर हुवा? अर्ज़ की दुन्या की महब्बत और बदकारों कि पैरवी की वजह से। आप عليه السلام ने पूछा दुन्या से तुम्हारी महब्बत केसी थी। अर्ज़ की जैसी एक बच्चे को अपनी माँ से होती है जब वो हमारे पास आती तो हम खुश होते और जब हम से जुदा होती तो हम गमगीन होते और रोने लगते।

*✍حلية الاولياء، وهب بن منبى، رقم ٤٧٦٢، ج ٤، ص ٦٤*


      ऐ ज़िन्दगी के मुसाफिर! तू हद से गुज़र चुका है, अपनी आज़माइश पर आंसू बहा, कहीं ऐसा न हो कि तुझे धुत्कार दिया जाए, ऐ वो शख्स! जिसकी अक्सर उम्र गुज़र गई और गुज़रा हुआ वक़्त लौट नही  सकता। नसीहतों ने तेरी रहनुमाई की और बुढ़ापे ने तुझे खबरदार कर दिया कि मौत क़रीब है और ज़बाने हायल से पुकार पुकार कर कह रही है :

ऐ आदमी बेशक तुझे अपने रब की तरफ ज़रूर दौड़ना है।

*✍پ ٣٠, الانشقاق ٦*


     प्यारे इस्लामी भाई! ये तौबा व इस्तिगफर करने और गुनाहों से बाज़ आ जाने का वक़्त है, एक रिवायत में है कि "जिस की जिंदगी के 40 साल गुजर गए और उस की भलाई उस की बुराई पर गालिब नही आई तो उसे चाहिये वो जहन्नम के लिये तैयार हो जाए।

*✍आंसुओं का दरिया* 77

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

*​DEEN-E-NABI ﷺ*

📲JOIN WHATSAPP

*(बहनो के लिये अलग ग्रुप)*

📱+91 95580 29197

📧facebook.com/deenenabi

📧Deen-e-nabi.blogspot.in

📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment