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Sunday 2 September 2018

*सवानहे कर्बला​* #18


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_शहादत के वाक़ीआत_*


*_​​हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी_*​​ #02

     राह में हज़रते इमामे आली मक़ामرضي الله تعالي عنه को कुफियो की बद अहदी और हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه की शहादत की खबर मिल गई। उस वक़्त आप की जमाअत में मुख़्तलिफ़ राए हुई और एक मर्तबा आप ने वापसी का क़स्द ज़ाहिर फ़रमाया लेकिन बहुत गुफ्तगू के बाद ये राए पाई की सफर जारी रखा जाए और वापसी का ख्याल तर्क किया जाए।

     हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه ने भी इस मशवरे से इत्तिफ़ाक़ किया और क़ाफ़िला आगे चल दिया यहाँ तक की जब कूफा दो मन्ज़िल रह गया तब आप को हर बिन यज़ीद रियाही मिला, उसके साथ इब्ने ज़ियाद के 1000 हथियार बंद सुवार थे, हर ने हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه की जानिब में अर्ज़ किया की इस को इब्ने ज़ियाद ने आप की तरफ भेज है और हुक्म दिया है की आप को उस के पास ले चले, हर ने ये भी ज़ाहिर किया की वो मजबुराना बादिले न ख्वास्ता आया है और उस को आप की खिदमत में जुरअत बहुत न पसन्द व नागवार है।

     हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه ने हर से फ़रमाया की में इस शहर में खुद न आया बल्कि मुझे बुलाने के लिये अहले कूफा के मुतवातिर पयाम गए और लगातार नामे पहुचते रहे। ऐ अहले कूफा ! अगर तुम अपने अहद व बैअत पर क़ाइम हो और तुम्हे अपनी ज़बानों का कुछ पास हो तो तुम्हारे शहर में दाखिल होउ वरना यही से वापस जाऊ। हर ने क़सम खा कर कहा की हम को इस का कुछ इल्म नही की आप के पास इल्तिजा नामे और क़ासिद भेजे गए और में न आप को छोड़ सकता हु और न वापस हो सकता हु।

     हुर के दिल में खानदाने नुबुव्वत और अहले बैत की अज़मत ज़रूर थी लेकिन वो इब्ने ज़ियाद के हुक्म से मजबूर था और उस को ये अन्देशा भी था की वो अगर हज़रते इमाम के साथ कोई मराआत करे तो इब्ने ज़ियाद पर ये बात ज़ाहिर हो कर रहेगी की हज़ार सुवार साथ है, ऐसी सूरत में किसी बात का छुपाना मुमकिन नही  और अगर इब्ने ज़ियाद को मालुम हुवा की हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه के साथ ज़रा भी ज़रुगुज़ाश्त की गई है तो वो निहायत सख्ती के साथ पेश आएगा। इस अंदेशे और ख्याल से हर अपनी बात पर अड़ा रहा यहाँ तक की हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه को कूफा की राह से हट कर कर्बला में नुज़ूल फरमान पड़ा।


बाक़ी अगली पोस्ट में.. انشاء الله

*✍🏽सवानहे कर्बला, 130*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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