بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ के 7 फराइज़* #07
*3 किराअत* #04
_*❗खबरदार❗खबरदार❗खबरदार❗_*
जिस से हरुफ़ सहीह अदा नहीं होते उस के लिये थोड़ी देर मश्क़ कर लेना काफी नहीं बल्कि लाज़िम है की इन्हें सिखने के लिये रात दिन पूरी कोशिश करे
और अगर सहीह पढ़ने वाले के पीछे नमाज़ पढ़ सकता है तो फ़र्ज़ है की उस के पीछे पढ़े या वो आयते पढ़े जिस के हरुफ़ सहीह अदा कर सकता हो। और ये दोनों सूरते न मुम्किन हों तो ज़मानए कोशिश में उस की अपनी नमाज़ हो जाएगी।
आज कल काफी लोग इस मरज़ में मुब्तला है की न उन्हें कुरआन सहीह पढ़ना आता है न सिखने की कोशिश करते है। याद रखिये ! इस तरह नमाज़े बर्बाद होती है।
*✍🏼मुलख्खस अज़ बहारे शरीअत, जी.3 स.116*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 166*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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