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Friday 2 June 2017

*बरकाते ज़कात* #11
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_ज़कात देने के फवाइद_* #04
   
*मुसलमान के दिल में ख़ुशी दाखिल करना*
     छटा फायदा ये है कि ज़कात की अदाएगी से गरीबो की ज़रूरत पूरी हो जाती और उन के दिल में ख़ुशी दाखिल होती है। याद रहे कि मुसलमान के दिल में ख़ुशी दाखिल करने का भी बड़ा सवाब है।
     हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : अल्लाह के नज़्दीक फराइज़ की अदाएगी के बाद सबसे अफज़ल अमल मुसलमान के दिल में ख़ुशी दाखिल करना है।

*इस्लामी मुआशरे का हुस्न*
     सातवी फ़ज़ीलत ये है कि ज़कात देने का अमल इस्लामी मुआशरे का हुस्न है कि एक गनी मुसलमान गरीब मुसलमानो को ज़कात दे कर उसे मुआशरे में सर उठा कर जीने का हौसला मुहय्या करता है। नीज़ फ्रिब का दिल किना व हसद की शिकार गाह बनने से महफूज़ रहता है, क्यूकी वो जनता है कि उसके गनी मुसलमान के माल में उस का भी हक़ है, चुनान्चे वो अपने भाई के जान, माल और अवलाद में बरकत के लिये दुआ गो रहता है,
     नबी ﷺ ने फ़रमाया : बेशक मोमिन के लिये मोमिन मिस्ले इमारत के है, बाज़ बाज़ को तक़्वीययत पहुचाता है।

बाक़ी कल की पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼बरकाते ज़कात, स.11*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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