*जवानी कैसे गुज़ारे ?* #15
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*इबादत गुज़ार जवान की फ़ज़ीलत*
हज़रत अनस बिन मालिक رضي الله عنه से मरवी है, नबिय्ये करीम ﷺ का फरमान है : सुबह के वक़्त इबादत करने वाले नौ जवान को बुढ़ापे में इबादत करने वाले बूढ़े पर ऐसी ही फ़ज़ीलत हासिल है कि जैसी मुरसलीन को तमाम लोगो पर।
*✍🏼جمع الجوامع*
इस रिवायत से मालुम हुआ कि इबादत गुज़ार जवान यक़ीनन खुश बख्त है, उस के लिये बहुत सारी फ़ज़िलतों और सआदतों की खुश खबरी है, लेकिन इस तरह की रिवायत से कोई ये मतलब अख्ज़ न करे कि बूढे तो किसी खाते में ही नही। ऐसा नहीं, याद रखिये! ये इस्लामी मुआशरे की इंफिरादिय्यत व खुसुसिय्यत है कि वो बूढ़ों और ज़ाइफ़ों को भी बुलन्दियों से हम-कनार करता है, इस्लाम में बूढ़ों को बोझ समझ कर घर से निकाल देने और इन्हें किसी इदारे में जमा करवा देने का कोई तसव्वुर नहीं, इस्लाम का तुर्रए इम्तियाज़ है कि इस दीने मुबीन में बिला तफरिके रंगो नस्ल व बिला इम्तियाज़े उम्रों क़द हर मुसलमान अपना ख़ास मक़ाम रखता है, जिस का लिहाज़ रखना दूसरे मुसलमान पर लाज़िम है।
हर मुसलमान ख्वाह वो बूढ़ा हो या जवान, नज़रे इस्लाम में उस की ख़ास अहमिय्यत व शान है।
*✍🏼जवानी कैसे गुज़ारे ?* 25
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
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Saturday 20 January 2018
*जवानी कैसे गुज़ारे ?* #15
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