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Wednesday 17 January 2018

*नमाज़ का तरीक़ा* #20
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ की 6 शराइत* #05
*_5 निय्यत :_* #02
     नमाज़े नफ्ल में मुतलक़ नमाज़ की निय्यत काफी है अगर्चे नफ्ल निय्यत में न हो।
_ये निय्यत की मुह मेरा किब्ला शरीफ की तरफ है शर्त नही।_
     इक़्तिदा में मुक्तदि का इस तरह निय्यत करना भी जाइज़ है की _जो नमाज़ इमाम की है वो नमाज़ मेरी है।_
     नमाज़े जनाज़ा की निय्यत ये है _"नमाज़ अल्लाह के लिये और दुआ इस मय्यित के लिये"।_
     वाजिब में वाजिब की निय्यत करना ज़रूरी है और इसे मुअय्यन भी कीजिये मसलन ईदुल फ़ित्र, ईदुल अज़्हा, नज़्र, नमाज़े बाद तवाफ़ (वाजीबुत्तवाफ) या वो नफ्ल नमाज़ जिस को जानबुझ कर फासिद् किया हो की उसकी क़ज़ा भी वाजिब हो जाती है।

     सज्दए शुक्र अगर्चे नफ्ल है मगर उस में भी निय्यत ज़रूरी है मसलन दिल में ये निय्यत हो की में सज्दए शुक्र करता हु।

     सज्दए सहव में भी "साहिबे नहरुल फाइक़" के नज़दीक निय्यत ज़रूरी है।यानि उस वक़्त दिल में ये निय्यत हो की में सज्दए सहव करता हु।

*_6 तकबीरे तहरीमा :_*
     यानि नमाज़ को "अल्लाहु अक्बर" कह कर शुरू करना ज़रूरी है।
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा  159-160*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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