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Thursday 18 January 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #27
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत आदम स्फीउल्लाह عليه السلام*
#21
*फरिश्तों को जिन्न क्यों कहा गया है ?*
     अल्लामा आलुसी رحمة الله عليه फ़रमाते है : इसलिये कि वह लोगों की नज़रों से पोशीदा होते है छुपी हुई चीज़ों को जिन्न कहा जाता है इसलिये फरिश्तों को भी जिन्न कह दिया।
     इब्लीस के आग से पैदा होने और फरिश्तों के नूर से पैदा होने में भी कोई ज़रर नहीं और उसके फ़रिश्ते होने में इससे कोई एब साबित नहीं हो सकता, क्योंकि आग और नूर का माद्दा एक ही है। एक ही जीन्स से है अलबत्ता अवारीज़ के लिहाज़ पर मुख़्तलिफ़ है यानी जिसके साथ धुएं की आमेजिश है वह आग है और जो साफ़ व शफ़्फ़ाफ़ है वह नूर है।
     जिस तरह मिट्टी, रेत, पथ्थर, सुरमा वगैरा का माद्दा और जीन्स एक है अवारिज़ात के लिहाज़ से मुख़्तलिफ़ है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 40
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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