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Sunday 20 May 2018

*सहाबए किराम इश्को वफ़ा की इम्तिहान गाह में* #36
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     जब मुसलमानों की तादाद उन्तालीस तक पहुंची तो हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने इज़हार की दरख्वास्त की और चाहा कि खुल्लम खुल्ला अलल ए'लान तबलीगे इस्लाम की जाए। हुज़ूरे अक़दस ﷺ ने अव्वल इन्कार फ़रमाया मगर अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो के इसरार पर कबूल फरमा लिया और उन सब हज़रात रदिअल्लाहो तआला अन्हुम को साथ ले कर मस्जिदे हरम शरीफ में तशरीफ़ ले गए।
       हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने खुतबा शुरुअ किया, येह सब से पहला खुतबा है जो इस्लाम में पढ़ा गया और हुज़ूर ﷺ के चचा सय्यिदुश्शुहदा हज़रते हम्ज़ा रदिअल्लाहो तआला अन्हो उसी दिन इस्लाम लाए हैं और इस के तीन दिन बाद हज़रते उमर रदिअल्लाहो तआला अन्हो मुशर्रफ ब इस्लाम हुवे हैं।
      खुतबे का शुरुअ होना था कि चारों तरफ से कुफ़्फ़ारो मुशरिकीन मुसलमानों पर टूट पड़े। हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो को भी बा वुजूद येह की मक्का ए मुकर्रमा में आम तौर पर उनकी अज़मतो शराफत मुसल्लम थी,इस कदर मारा कि तमाम चेहरा मुबारक खून में भर गया, नाक, कान सब लहू लुहान हो गए। पहचाने न जाते थे, जूतों से मारा, पाउं में रौंदा, जो न करना था सब कुछ ही किया। हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो बेहोश हो गए, बनू तीम यानी हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो के कबीले के लोगों को खबर हुई तो वहां से उठा के लाए।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 106
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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