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Saturday 26 May 2018

*अहकामे रोज़ा* #27
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*_मकरुहाते रोज़ा_* #02
     ★ बीवी का बोसा लेना और गले लगाना और बदन को छूना मकरूह नही। हा अगर ये अन्देशा हो की इन्ज़ाल हो जाएगा या जिमाअ में मुब्तला होगा और हॉट और ज़बान चूसना रोज़े में मुतलक़न मकरूह है।
     ★ रोज़े में मिस्वाक करना मकरूह नही बल्कि और दिनों की तरह सुन्नत है।
     अक्सर लोगो में मशहूर है की दोपहर बाद रोज़ादार के लिये मिस्वाक करना मकरूह है ये हमारे मज़्हबे हनफिया के खिलाफ है।
     अगर मिस्वाक चबाने से रेशे छूटे या मज़ा महसूस हो तो ऐसी मिस्वाक रोज़े में नही करना चाहिए। अगर रोज़ा याद होते हुए मिस्वाक का रेशा या कोई जुज हल्क़ से निचे उतर गया तो रोज़ा फासिद् हो जाएगा।
     ★ बाज़ लोगो का रोज़े में बार बार थूकते रहते है शायद वो समझते है की रोज़े में थूक नही निगलना चाहिये, ऐसा नही। अलबत्ता मुह में थूक इकठ्ठा कर के निगल जाना, ये तो बगैर रोज़े के भी ना पसंदीदा है और रोज़े में मकरूह।
*✍🏼फ़ज़ाइले रमज़ान, 215*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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