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Tuesday 22 May 2018

*सहाबए किराम इश्को वफ़ा की इम्तिहान गाह में* #37
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
    खुतबे का शुरुअ होना था कि चारों तरफ से कुफ़्फ़ारो मुशरिकीन मुसलमानों पर टूट पड़े। हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो को भी बा वुजूद येह की मक्का ए मुकर्रमा में आम तौर पर उनकी अज़मतो शराफत मुसल्लम थी,इस कदर मारा कि तमाम चेहरा मुबारक खून में भर गया, नाक, कान सब लहू लुहान हो गए। पहचाने न जाते थे, जूतों से मारा, पाउं में रौंदा, जो न करना था सब कुछ ही किया। हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो बेहोश हो गए, बनू तीम यानी हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो के कबीले के लोगों को खबर हुई तो वहां से उठा के लाए।
    सब को यकीन हो चला था कि हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो इस वहशियाना हमले से ज़िन्दा न बच सकेंगे, बनू तीम मस्जिद में और एलान किया : हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो की अगर इस हादीषे में वफ़ात हो गई तो हम लोग उन के बदले में उत्बा बिन रबीआ को कत्ल करेंगे, उत्बा ने हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो को मारने में बहुत ज़ियादा बदबख्ती का इज़हार किया था।
     शाम तक हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो को बेहोशी रही, बा वुजूद आवाज़े देने के बोलने या बात करने की नौबत न आती थी। शाम को आवाज़ें देने पर वोह बोले तो सब से पहले अल्फ़ाज़ येह थे कि हुज़ूर ﷺ का क्या हाल है? लोगों की तरफ से इस पर बहुत मलामत हुई कि उन ही के साथ की बदौलत येह मुसीबत आई और दिन भर मौत के मुंह में रहने पर बात की तो वोह भी हुज़ूर ﷺ ही का जज़्बा और उन ही के लिये।  
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 107
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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