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Sunday 8 July 2018

*नमाज़ छोड़ने के नुक्सानात हक़ीक़त की रौशनी में* #01


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     हज़रत अब्दुर्रहमान सफुरी رحمة الله عليه पंजगाना नमाज़े छोड़ने वाले के सिलसिले में तहरीर फ़रमाते है : फ़रिश्ते नमाज़े फजर छोड़ने वाले को फाजिर (बद चलन) और बदकार कहते है, जुहर की नमाज़ छोड़ने वाले को खासिर (नुक़्सान उठाने वाला) और नाबकार (नालाएक़) कहते है,असर की नमाज़ छोड़ने वाले को खाती (गलती करने वाला) और गुनाहगार कहते है, मगरिब की नमाज़ छोड़ने वाले को काफ़िर और ना-शुक्रगुज़ार कहते है और ईशा की नमाज़ छोड़ने वाले को ज़ियांकार (नुक़्सान करने वाला) कहकर पुकारते है।
*✍🏼नुज़हतुल मजालिस* 1/491
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 29
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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