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Monday 9 July 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #185


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*युसूफ عليه السلام की हुकूमत के असरात*
     आपने अदल व इंसाफ की बुन्यादो पर अपनी हुकूमत को क़ायम किया इसी लिये आपकी हुकूमत दिन ब दिन मज़बूत तर होती चली गई तमाम मर्दो और औरतों के दिलों में आपकी मुहब्बत पैदा हुई और आपने क़हत साली के आने वाले दिनों के लिये गल्लों के ज़खीरे जमा करने की ताबीर फ़रमाई इसके लिये बहुत वसी ओर आलीशान अम्बारखाने (स्टोर) तामीर कराये और बहुत कसीर जखाइर जमा किये।
     जब फराखि के साल गीज़र गये और क़हत का ज़माना आया तो आपने बादशाह और उसके खुद्दाम के लिये रोज़ाना सिर्फ एक वक्त का खाना मुक़र्रर फ़रमाया। एक रोज़ दोपहर के वक़्त बादशाह ने युसूफ عليه السلام से भूख की शिकायत की आपने फ़रमाया क़हत साली की इब्तिदा का वक़्त है क्योंकि पहले साल में लोगों के पास ज़खीरे थे सब खत्म हो गये बाज़ार खाली हो गये, चुकी क़हत के सारे ज़माना में आपने खुद भी कभी सैर होकर नहीं खाया था।
     तमाम अहले मिस्र आपसे गल्ले खरीदने लगे तमाम दिरहम व दीनार आप के पास जमा हो गया। दूसरे साल उन्होंने अपने ज़ेवर ओर जवाहर से गल्ला खरीदा। इस तरह उन तमाम लोगों के तमाम ज़ेवरात व जवाहर आपके पास आ गये। तीसरे साल अपने जानवर देकर गल्ला खरीदा यहां तक कि मिस्र में कोई शख्स किसी जानवर का मालिक न रहा। तमाम जानवर भी आपकी मिल्कियत में आ गये। चौथे साल अपने गुलामो को देखर गल्ला हासिल किया। पांचवे साल तमाम जागीरों और आराज़ी देकर आपसे गल्ला खरीदा। उस साल मिस्र के लोगों के पास सिवाए अपनी जान ओर औलाद के कुछ भी बाक़ी न रहा था तमाम मिल्कियत आप عليه السلام के पास आ चुकी थी। छटे साल जब उनके पा और कुछ न बचा तो उन्होंने अपनी औलाद आपके पास गुलाम के तौर पर देकर गल्ला हासिल किया। और सातवें साल तो वह लोग खुद गल्ला हासिल करने के लिये आपकी गुलामीयत में आ गये। मिस्र में मर्दो ओर औरतों में से कोई शख्स भी ऐसा न था जो आपकी गुलामी में न आया हो, तमाम लोगों की ज़बान पर था कि युसूफ عليه السلام जैसी अज़मत व जलालत किसी बादशाह को मयस्सर नही आ सकी।
     युसूफ عليه السلام ने बादशाह को कहा कि तुमने देख लिया अल्लाह का मुझ पर कैसा करम है? उसने मुझ पर एहसाने अज़ीम फ़रमाया अब उनके हक में मेरी क्या राए है? बादशाह ने कहा जो आपकी राय है, हम तो आपके ताबेअ है, आपने फ़रमाया में अल्लाह को गवाह बनाकर और तुम्हें गवाह बनाकर ये एलाने करता हूँ कि में तमाम अहले मिस्र को आज़ाद कर रहा हूँ और उनकी तमाम मिल्कियत और जागीरें उन्हें वापस कर रहा हूँ।
*✍तज़किरतुल अम्बिया* 148
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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