Pages

Saturday 8 October 2016

*सवानहे कर्बला​* #13
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_शहादत के वाक़ीआत_*
*_कूफा को हज़रते मुस्लिम की रवानगी_*​​​​​​​​​​​​​​ #07
     हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه ने उस औरत से पानी मांगा, उस ने आप को पहचान कर पानी दिया और अपनी सआदत समझ कर आप को अपने मकान में फरोश किया। उस औरत का बेटा मुहम्मद इब्ने अशअष का गुर्गा था, उसने फौरन ही उस को खबर दी और उस ने इब्ने ज़ियाद को इस पर मुत्तला किया।
     इब्ने ज़ियाद ने अम्र बिन हरीष (कोतवाले कूफा) और मुहम्मद बिन अशअष को भेजा, इन दोनों ने एक जमाअत साथ ले कर तूआ के घर का इहाता किया और चाहा की हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه को गिरफ्तार कर ले।
     हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه अपनी तलवार ले कर निकले और ब नाचारि आप ने उन जालिमो से मुक़ाबला शुरू किया। उन्हों ने देखा की हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه इस जमाअत पर इस तरह टूट पड़े जेसे शेरे बबर अपने शिकार पर हमला आवर हो। आप के शेराना हमलो से दिल आवरो ने दिल छोड़ दिये और बहुत आदमी ज़ख़्मी हो गए, बाज़ मर गए।
     मालुम हुआ की बनी हाशिम के इस एक जवान से नामर्दाने कूफा की ये जमाअत नबर्द आज़मा नही हो सकती। अब तजवीज़ की, की कोई चाल चलनी चाहिये और किसी फरेब से हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه पर क़ाबू पाने की कोशिश की जाए। ये सोच कर अम्नो सुलह का ऐलान कर दिया और हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه से अर्ज़ किया की हमारे आप के दरमियान जंग की ज़रूरत नही है न हम आप से लड़ना चाहते है, मुद्दा सिर्फ इस क़दर है की इब्ने ज़ियाद के पास तशरीफ़ ले चले और उस से गुफ्तगू कर के मुआमला तै कर ले।
     हज़रते मुस्लिमرضي الله تعالي عنه ने फ़रमाया की मेरा खुद कसदे जंग नही और जिस वक़्त मेरे साथ 40000 का लश्कर था उस वक़्त भी में ने जंग नही की और में यही इन्तिज़ार करता रहा की इब्ने ज़ियाद गुफ्तगू कर के कोई शक्ले मुसालहत पैदा करे तो खून रेज़ी न हो।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. انشاء الله
*✍🏽सवानहे कर्बला, 124*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment