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Friday 21 October 2016

*सवानहे कर्बला​* #45
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_​​हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत​​_* #06
     सादिक़ जाबाज़ ने अहदे वफ़ा पूरा किया और दिने हक़ पर क़ाइम रह कर अपना कुम्बा, अपनी जान राहे खुदा में इस उलुलअज़मी से नज़्र की, सुखा गला काटा गया और कर्बला की ज़मीन सय्यिदुश्शोहदा के खून से गुलज़ार बनी, सर व तन को ख़ाक में मिला कर अपने जद्दे करीम के दिन की हक़्क़ानिय्यत की अमली शहादत दी।
      मुहर्रम सी.61 ही. की 10वी तारीख के रोज़ 56 साल क माह 5 दिन की उम्र में हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه ने इस नापाएदार से रिहलत फ़रमाई और दाइये अजल को लबैक कहि।
     जालिमो ने इस पर बस नहीं किया और हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه की मुसीबतो का इसी पर खातिमा नही हो गया। दुश्मनोने आप के सरे मुबारक को तने अक़दस से जुदा करना चाहा और नज़्र इब्ने खुरशा इस नापाक इरादे से आगे बढ़ा मगर इमाम की हैबत से उसके हाथ काप गए और तलवार छूट पड़ी। खोली इब्ने यज़ीद पलीद ने या शबल इब्ने यज़ीद ने बढ़ कर आप के सरे अक़दस को तने मुबारक से जुदा किया।
     इब्ने ज़ियाद ने सरे मुबारक को कूफा के कूचे व बाज़ार में फिरवाया और इस तरह अपनी बे हम्मिययति व बे हयाई का इज़हार किया फिर हज़रते हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه और उनके तमाम जाबाज़ शुहदा के सरो को असिराने अहले बैत के साथ शिमरे नापाक की हमराही में यज़ीद पलीद के पास दिमशक भेजा। यज़ीद ने सरे मुबारक और हल बैत को हज़रते ज़ैनुल आबेदीनرضي الله تعالي عنه के साथ मदीना भेजा और वहा हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه का सर मुबारक आप की वालिदा हज़रते खातुने जन्नतرضي الله تعالي عنها या हज़रते हसनرضي الله تعالي عنه के पहलु में मदफुन हुवा।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽सवानहे कर्बला, 170*
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