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Sunday 9 October 2016

*तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़सीरे खज़ाइनुल इरफ़ान* #56
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*_सूरतुल बक़रह, आयत ⑥②_*
बेशक ईमान वाले और  यहूदियों और ईसाइयों और सितारों के पुजारियों में से वो कि सच्चे दिल से अल्लाह और पिछले दीन पर ईमान लाएं और नेक काम करें उन का सवाब पुण्य उनके रब के पास हैं और न उन्हें कुछ अन्देशा (आशंकाद) हो और न कुछ ग़म

*तफ़सीर*
     इब्ने जरीर और इब्ने अबी हातिम ने सदी से रिवायत की कि यह आयत हज़रत सलमान फ़ारसी (अल्लाह उनसे राज़ी हो) के साथियों के बारे में उतरी.
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