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Saturday 26 August 2017

*गुनाहे कबीरा 2*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_क़त्ले नाहक़_*
     अल्लाह क़त्ले नाहक़ की मज़म्मत में इर्शाद फ़रमाता है : _और जो कोई मुसलमान को जान बुझ कर क़त्ल करे तो उस का बदला जहन्नम है की मुद्दतों उस में रहे और अल्लाह ने उस पर लानत की और उस के लिये तैयार रखा बड़ा अज़ाब।_
*✍🏼النساء ٩٣*

_और वो जो अल्लाह के साथ किसी दूसरे माबूद को नहीं पूजते और उस जान को जिस की अल्लाह ने हुरमत रखी नाहक़ नहीं मारते और बदकारी नहीं करते और जो ये काम करे वो सज़ा पाएगा बढ़ाया जाएगा उस पर अज़ाब क़यामत के दिन और हमेशा उस में ज़िल्लत से रहेगा मगर जो तौबा करे और ईमान लाए।
*✍🏼الفرقان ٦٨ تا ٧٠*

_जिस ने कोई जान क़त्ल की बगैर जान के बदले या ज़मीन में फसाद के तो गोया उस ने सब लोगों को क़त्ल किया।_
*✍🏼الماىٔدة ٣٢*

_और जब ज़िन्दा दबाई हुई से पूछा जाए किस खता पर मारी गई।_
*✍🏼التكوير ٩،٨*
*✍🏼76 कबीरा गुनाह, 21*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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