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Sunday 27 August 2017

*रज़्ज़ाक़ का करम*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : रोज़ी बन्दे को ऐसे तलाश करती है जैसे उसे उस की मौत तलाश करती है।
*✍🏼حلية الأولياء*

    मक़सद ये है की मौत को तुम तलाश करो या न करो बहर हाल तुम्हें पहुंचेगी यूँही तुम रिज़्क़ को तलाश करो या न करो ज़रूर पहुचेंगा। हाँ ! रिज़्क़ की तलाश सुन्नत है और मौत की तलाश मम्नुअ, मगर है दोनों यक़ीनी।
*✍🏼मीरआतुल मनाजिह्, 7/126*
*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 69*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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