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Tuesday 22 August 2017

*मस्जिद में हंसने का नुक़्सान*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : मस्जिद में हंसना क़ब्र में अँधेरा लाता है।
*✍🏼الفردوس*

    ख्याल रहे की मुस्कुराना अच्छी चीज़ है और क़हक़हा बुरी चीज़। तबस्सुम रहमते आलम صلى الله عليه وسلم की आदते करीमा थी।
*✍🏼मीरआतुल मनाजिह्, 7/14*

*_क़हक़हा की मज़म्मत_*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : क़हक़हा शैतान की तरफ से है और मुस्कुराना अल्लाह की तरफ से है।
*✍🏼المعجم الصغير*

     क़हक़हा से मुराद आवाज़ के साथ हंसना है। शैतान इसे पसन्द करता है और उस पर सुवार हो जाता है। जब की तबस्सुम से मुराद बगैर आवाज़ के थोड़ी मिक़दार में हंसना है।
*✍🏼فيض القرير*
*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 62*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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