*तज़किरतुल अम्बिया* #127
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत हाजरा और इस्माइल عليه السلام को हरम की ज़मीन में छोड़ना* #04
इसी तरह हज़रते हाजरा ने जब चश्मा से पानी पिया तो आपका दूध भी जारी हो गया जो बच्चे को पिलाया, फ़रिश्ते ने आप को कहा: तुम कोई खौफ न करो कि तुम ज़ाया हो जाओगी बेशक यहाँ बैतुल्लाह है इस की तामीर यह बच्चा और इसका बाप करेंगे बेशक अल्लाह अपने मुक़ररेबिन के अज्र को ज़ाया नहीं करता।
कुछ देर के बाद वहां से जहरम क़बीला का गुज़र हुआ जिन्होंने देखा कि परिन्दे उड़ रहे है उन्होंने ख्याल किया की परिन्दे वहा ही होते है जहाँ पानी हो यक़ीनन यहाँ कहि पानी होगा, उन्होंने औने एक शख्स को भेजा जिसने देखा कि एक पानी का चश्मा है और उसके क़रीब एक औरत बैठी हुई है उन्होंने कहा तुम हमें पानी में शरीक करो तो हम तुम्हे अपने जानवरों के दूध में शरीक करेंगे, हजरते हाजरा ने उनसे इस शर्त पर मुआहिदा कर लिया। इसी जहरम क़बीला ने एक लड़की का निकाह इस्माइल عليه السلام से कर दिया।
*फायदा* : इब्राहिम عليه السلام की दुआ के असरात आज भी वाज़ेह तौर पर नज़र आ रहे है कि मक्का की सर ज़मीन पहाड़ी और रेतीली है लेकिन फल हर किस्म के आला से आला वहा मौजूद रहते है लोग हर तरफ से इस मक़ाम पर खिचे चले आते है हर मुसलमान के दिल में एक तड़प पाई जाती है कि वह बैतुल्लाह की ज़ियारत कर ले।
हज़रत हाजरा तो बच्चे की प्यास को देखकर बे क़रार होकर सफा व मरवा के चक्कर लगा रही थी लेकिन अल्लाह को अपने खलील की ज़ौजा और इस्माइल عليه السلام की वालदा की अदा ऐसी पसन्द आई की ता क़यामत हाजी इस याद को ताज़ा करने के लिये वहा चक्कर लगाते रहेंगे।
हक़ीक़त यह है की हज अल्लाह के मक़बूल बन्दों की अदा के बगैर कुछ नहीं। हुज़ूर ﷺ और सहाबा की याद को ताज़ा करने के लिये तवाफ़ में पहलवानों की तरह अकड़ कर चलना, इब्राहिम عليه السلام की याद को ताज़ा करने के लिये मिना में जमरात को कांकरिया मारना इस किस्म के काम ही हज है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 103
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Sunday 29 April 2018
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