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Saturday 5 May 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #130
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*अम्बियाए किराम के ख्वाब की तीन किस्म*
     (1) जो ख्वाब देखा जाये वो उसी तरह वाकेय हो जेसे हमारे नबी ﷺ ने मदीना में ख्वाब देखा कि आप बमअ अपने असहाब के मक्का तशरीफ़ ले गये और असहाब ने सर मुंडवाए और बाज़ ने बाल कटवाए आपका यह ख्वाब एक साल बाद इसी तरह सच्चा हुआ जेसे देखा था।
     बशक अल्लाह ने सच कर दिखाया अपने रसूल का सच्चा ख्वाब बेशक तुम ज़रूर मस्जिदे हराम में दाखिल होंगे अगर अल्लाह ने चाहा अमान व अमान से अपने सरों के बाल मुंडवाए या तरशवाए बे खौफ।
     (2) ख्वाब में सिर्फ इम्तेहान हो इसका वक़ूअ मक़सूद न हो जैसा हज़रत इब्राहिम عليه السلام ने ख्वाब में बेटे को ज़िबह करते हुए देखा, यह सिर्फ इम्तेहान था आपने अपने इम्तेहान पर अमल कर लिया लेकिन अल्लाह ने इस्माइल عليه السلام को बचा लिया और फिदया दे दिया।
     (3) ख्वाब में बाज़ चीज़ों से तशबिह दी जाये जिस चीज़ को ख्वाब में दिखाया गया हो उसका वक़ूअ न हो बल्कि उसकी कोई न कोई तावील हो और वक़ूअ मुशाबेह हो जेसे युसूफ عليه السلام का ख्वाब। "याद करो जब युसूफ ने अपने बाप से कहा ऐ मेरे बाप मेने 11 सितारे और सूरज और चाँद देखे उन्हें अपने लिये सज्दा करते देखा।"
     ख्वाब में आपने चाँद और सूरज और 11 सितारे सज्दा करते हुए देखे लेकिन वाकेय में इन चीजों ने आपको सज्दा नहीं किया बल्कि आपके ख्वाब को इस तरह सच्चा करके दिखाया।
     माँ-बाप ख्वाब में चाँद सूरज की शक्ल में दिखाए गए और 11 भाई सितारों की सूरत में, ख्वाब सच्चा हुआ की सबने आपको सज्दाए ताज़िमी किया, जो पिछली शरीअतो में जायज़ था। हमारी शरीअत में हराम है। याद रखिये कि इबादत का सज्दा हर शरीअत में अल्लाह के बगैर किसी और के लिये जायज़ नहीं।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 105
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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