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Saturday 5 May 2018

*हज़रते अबू सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो और बारगाहे मुस्तुफा  ﷺ* 
# 25
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْم
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

       वफ़ात से पहले सय्यिदुना सिद्दिके अक्बर रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने वसिय्यत फ़रमाई थी कि मेरे ताबूत (जनाज़े) को हुजूर ﷺ के रौज़ए अनवर के पास ला कर रख देना और अस्सलामो अलैका या रसूलुल्लाह कह कर अर्ज़ करना कि हुज़ूर ﷺ अबू बक्र (रदिअल्लाहो तआला अन्हो) आप ﷺ  के आस्तानए आलिय्या पर हाज़ीर हुवा है। अगर इजाज़त हुई तो दरवाज़ा खुल जाएगा और मुझे अंदर ले जाना वरना जन्नतुल बक़ीअ में दफन कर देना।
      रावी का बयान है कि जब हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो की वसिय्यत पर अमल किया गया तो अभी वोह कलिमात पायए इख़्तिताम को न पहूंचे थे कि पर्दा उठ गया। और आवाज़ आई कि: *"हबीब को हबीब की तरफ ले आओ।"*
       _जाए गौर है कि अगर अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो रसूलुल्लाह ﷺ को ज़िंदा न जानते तो हरगिज़ ऐसी वसिय्यत न फ़रमाते की रौज़ए अक़दस के सामने मेरा जनाज़ा रख कर इजाज़त तलब की जाए।_ 
       हज़रते अबू बक्र सिद्दीक रदिअल्लाहो तआला अन्हो ने वसिय्यत की और तमाम सहाबए किराम रदिअल्लाहो तआला अन्हुम ने उसे अमली जामा पहनाया जिस से शाबित होता है कि हज़रते सिद्दीके अकबर रदिअल्लाहो तआला अन्हो और तमाम सहाबए किराम रदिअल्लाहो तआला अन्हुम का अक़ीदा था कि रसूले अक़दस ﷺ बादे विसाल भी क़ब्रे अनवर में ज़िन्दा और साहिबे इख्तियार व तसर्रुफ़ हैं।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼सहाबएकिराम का इश्के रसूलﷺ* पेज 92
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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