Pages

Thursday 6 July 2017

*नमाज़ के वाजिबात* #06
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

★ हर फ़र्ज़ व वाजिब का उस की जगह होना।

★ रूकू हर रकअत में एक ही बार करना।

★ सज्दा हर रकअत में दो बार करना।

★ दूसरी रकअत से पहले क़ादह न करना।

★ 4 रकअत वाली नमाज़ में तीसरी रकअत पर क़ादह न करना।

★ आयते सज्दा पढ़ी हो तो सज्दए तिलावत करना।

★ सज्दए सहव वाजिब हुवा हो तो सज्दए सहव करना।

★ दो फर्ज़ो  या दो वाजिब या फ़र्ज़ व वाजिब के दरमियान तिन तस्बीह की क़दर (यानि तिन बार सुब्हान अल्लाह कहने के मिक़दार) वक़्फ़ा न होना।

★ इमाम जब किराअत करे ख्वाह बुलंद आवाज़ से हो या आहिस्ता आवाज़ से, मुक्तदि का चुप रहना।

★ किराअत के सिवा तमाम वाजिबात में इमाम की पैरवी करना।
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 173*

*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment