*आसान नेकियां*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
बेशुमार नेकियां ऐसी भी है जिन में मेहनत बेहद कम मगर षवाब बहुत ज़्यादा होता है लेकिन तवज्जोह न होने या ला इल्मी की वजह से हम इन षवाबात के हुसूल के कई मवाकेअ ज़ाएअ कर बैठते है। अगर थोड़ी सी तवज्जोह कर ली जाए तो أن شاء الله हमारे नामए आमाल में बेशुमार नेकियां जमा हो सकती है।
*_अमल शुरू कर दीजिये_*
जिस पर एक एक नेकी जमा करने की धुन सुवार हो जाए, आसान हो या मुश्किल वो नेकी करने का कोई मौक़ा हाथ से नही जाने देता। लिहाज़ा नेकियों का खज़ाना जमा करने के लिये आज और अभी से निय्यत कर लीजिये की में फराइज़ व वाजिबात की पाबन्दी करने के साथ साथ जब भी किसी मुस्तहब अमल की फ़ज़ीलत के बारे में पढ़ु या सुनूँगा तो أن شاء الله मौक़ा मिलते ही उस पर अमल करने और इस्तिकामत पाने की कोशिश करूँगा, क्यू की जिस तरह रेल की पटरी बिछाना एक काम है और इस पर ट्रेन चलाना दूसरा काम ! बिल्कुल इसी तरह किसी अमल की फ़ज़ीलत जान लेना एक काम है मगर उस फ़ज़ीलत को हासिल करना दूसरा काम है। नेकियों में मसरूफ़ रहने का एक फायदा ये भी होगा की गुनाह करने का मौक़ा ही नही मिलेगा أن شاء الله.
*✍🏼आसान नेकियां, 11*
*___________________________________*
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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बेशुमार नेकियां ऐसी भी है जिन में मेहनत बेहद कम मगर षवाब बहुत ज़्यादा होता है लेकिन तवज्जोह न होने या ला इल्मी की वजह से हम इन षवाबात के हुसूल के कई मवाकेअ ज़ाएअ कर बैठते है। अगर थोड़ी सी तवज्जोह कर ली जाए तो أن شاء الله हमारे नामए आमाल में बेशुमार नेकियां जमा हो सकती है।
*_अमल शुरू कर दीजिये_*
जिस पर एक एक नेकी जमा करने की धुन सुवार हो जाए, आसान हो या मुश्किल वो नेकी करने का कोई मौक़ा हाथ से नही जाने देता। लिहाज़ा नेकियों का खज़ाना जमा करने के लिये आज और अभी से निय्यत कर लीजिये की में फराइज़ व वाजिबात की पाबन्दी करने के साथ साथ जब भी किसी मुस्तहब अमल की फ़ज़ीलत के बारे में पढ़ु या सुनूँगा तो أن شاء الله मौक़ा मिलते ही उस पर अमल करने और इस्तिकामत पाने की कोशिश करूँगा, क्यू की जिस तरह रेल की पटरी बिछाना एक काम है और इस पर ट्रेन चलाना दूसरा काम ! बिल्कुल इसी तरह किसी अमल की फ़ज़ीलत जान लेना एक काम है मगर उस फ़ज़ीलत को हासिल करना दूसरा काम है। नेकियों में मसरूफ़ रहने का एक फायदा ये भी होगा की गुनाह करने का मौक़ा ही नही मिलेगा أن شاء الله.
*✍🏼आसान नेकियां, 11*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
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