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Thursday 20 July 2017

*रहमतो की बरसात*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : मुझ पर दुरुद शरीफ पढ़ो, अल्लाह तुम पर रहमत भेजेगा।

     सलात के माना है रहमत या तलबे रहमत, जब इस का करने वाला रब हो तो (सलात) ब माँ आ रहमत होती है और फ़ाइल जब बन्दे हो तो ब माना तलबे रहमत।
     इस्लाम में एक नेकी का बदला कम अज़ कम 10 गुना है। ख्याल रहे की बन्दा अपनी हैसिय्यत के लायक़ दुरुद शरीफ पढ़ता है मगर रब तआला अपनी शान के लायक़ उस पर रहमते उतारता है जो बन्दे के ख्याल व गुमान से बुलन्द है।

*✍🏼40 फरमाने मुस्तफा, 8*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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