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Saturday 14 April 2018

*शबे में'राज के मुशाहदात* #10
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*अज़ाबे इलाही से मुतअल्लिक़* #02

*ग़ीबत के अज़ाब* #02
*तांबे के नाख़ून*
     फरमाने मुस्तफा ﷺ: में शबे मेराज ऐसे लोगों के पास से गुज़रा जो अपने चेहरों और सीनों को तांबे के नाखूनों से नौच रहे थे। जिब्राइल ने कहा ये लोगिन का गोश्त खाते (यानी ग़ीबत करते) और उन की इज़्ज़त खराब करते थे।

*औरतें ज़्यादा ग़ीबत करती है*
     मुफ़्ती अहमद यार खान नईमी رحمة الله عليه इस हदीस के तहत फ़रमाते है: उन पर खारिश का अज़ाब मुसल्लत कर दिया गया था और नाख़ून तांबे के धारदार और नोकीले थे, उनसे सीने, चेहरा खुजलाते थे और ज़ख़्मी होते थे। खुदा की पनाह! ये अज़ाब सख्त अज़ाब है, ये वाक़ीआ बादे क़यामत होगा जो हुज़ूर ﷺ ने आँखों से देखा। मज़ीद फ़रमाते है: ये लोग मुसलमानों की ग़ीबत करते थे, उनकी इज़्ज़त खराब करते थे ये काम औरतें ज़्यादा करती है उन्हें इस से इब्रत लेनी चाहिये।

     ग़ीबत करने का अन्जाम किस क़दर तबाह कुन है, बरोज़े क़यामत ग़ीबत करने वाले को कैसे कैसे दर्दनाक अज़ाबों का सामना होगा, इस का तसव्वुर ही लरज़ा देने के लिये काफी है। गौर कीजिये! अगर ग़ीबत कर के तौबा किये बगैर मर गए और इनमे से कोई दर्दनाक अज़ाब मुसल्लत कर दिया गया तो क्योंकर बर्दाश्त कर सकेंगे? इसलिये ग़ीबत, चुगली और दीगर गुनाहों भरी बातों से रिश्ता तोड़ कर हम्दो नात से रिश्ता जोड़िये, हर लम्हा हर घड़ी याद इलाही में मगन रहिये और प्यारे आक़ा ﷺ पर खूब खूब दुरुदो सलाम के फूल निछावर कीजिये।
*✍🏼फ़ैज़ाने मेराज* 83
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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