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Friday 19 October 2018

*बरज़ख़ का बयान* #01


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सवाल* : बरज़ख़ किसे कहते है?

     *जवाब* : दुन्या व आख़िरत के दरमियान एक और आलम है जिसे आलमे बरज़ख़ कहते है।


     *सवाल* : आलमे बरज़ख़ में कब तक रहना होगा?

     *जवाब* : मरने के बाद और क़यामत से पहले तमाम इन्सो जिन्न को हस्बे मरातिब उस में रहना होता है।


     *सवाल* : क्या रूह व जिस्म दोनों मर जाते है?

     *जवाब* : मौत के माना सिर्फ रूह का जिस्म से जुदा हो जाना है, ये मुराद नहीं कि रूह मर जाती है, रूह हमेशा ज़िन्दा रहती है।

*✍️दिलचस्प मालूमात* 24

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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