بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*नमाज़ के मकरुहाते तहरीमि* #09
★ उल्टा कुरआन पढ़ना (मसलन पहली रकअत में "तब्बतयदा" पढ़ी और दूसरी में "इजाजा")
★ किसी वाजिब को तर्क करना। मसलन क़ौमा और जल्सा में पीठ सीधी होने से पहले ही रूकू या दूसरे सज्दे में चला जाना।
◆ इस गुनाह में मुसलमानो की अच्छी खासी तादाद मुलव्व्स नज़र आती है, यद् रखिये ! जितनी भी नमाज़े इस तरह पढ़ी होगी सब का लौटाना वाजिब है।
★ क़याम के इलावा किसी और मौके पर कुरआन पढ़ना।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, स.194*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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