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Sunday 28 October 2018

*तज़किरतुल अम्बिया* #292


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

*हज़रत शोएब عليه السلام*

     हज़रत शोएब عليه السلام को दो क़ौम की तरफ रसूल बनाकर भेजा गया। एक मदयन और दूसरे अस्हाबे इका। आप चुकी मदयन क़बीला से थे इसलिये जब मदयन का ज़िक्र हुआ तो फ़रमाया : और मदयन कि बिरादरी से शोएब को भेजा।

     और जब अस्हाबे इका के ज़िक्र में अखुहम नहीं कहा बल्कि सिर्फ कहा : और जब उसको शोएब ने कहा।

     इस तरह दोनों क़ौमों ओर अज़ाब भी मुख्तलिफ किस्म के थे, जिनका ज़िक्र ان شاء الله बाद में आयेगा, अलबत्ता दोनों क़ौमों के लोग क़रीब क़रीब फासला पर रहने की वजह से एक दूसरे के साथ रवाबीत कि वजह से एक जैसे अमल किया करते थे इस लिये दोनों को शोएब عليه السلام ने तबलीग एक जैसी फ़रमाई।

*✍️तज़किरतुल अम्बिया* 256

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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