*तज़किरए इमाम अहमद रज़ा* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
_*विलादते बा सआदत*_
मेरे आक़ा आला हज़रत, इमामे अहले सुन्नत, हज़रते अल्लामा मौलाना अलहाज अल हाफ़िज़ अल कारी शाह इमाम अहमद रज़ा खान अलैरहमा की विलादते बा सआदत बरेली शरीफ के महल्ला जसुली में 10 शव्वालुल मुकर्रम 1272 सी.ही. बरोज़े हफ्ता ब वक़्ते ज़ोहर मुताबिक़ 14 जून 1856 ई. को हुई। सने पैदाइश के ऐतिबार से आप का नाम अल मुख्तार (1272 ही.) है।
*✍🏽हयाते आला हज़रत, 1/58*
*_आला हज़रत का सने विलादत_*
मेरे आक़ा आला हज़रत अलैरहमा ने अपना सने विलादत पारह 28 सूरतुल मुजा-दलह की आयत 22 से निकाला है। इस आयते करीमा के इल्मे अब्जद के ऐतिबार के मुताबिक़ 1272 अदद है और हिजरी साल के हिसाब से येही आप का सने विलादत है। इस पर आला हज़रत अलैरहमा ने इरशाद फ़रमाया : मेरी विलादत की तारीख इस आयते करीमा में है :
*ये है जिन के दिलो में अल्लाह ने ईमान नक्श फरमा दिया और अपनी तरफ की रूह से इन की मदद की*
आप का नामें मुबारक मुहम्मद है और आप के दादा ने अहमद रज़ा कह कर पुकारा और इसी नाम से मश्हूर हुए।
*✍🏽तज़किरए इमाम अहमद रज़ा, 2*
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*✍🏽हयाते आला हज़रत, 1/58*
*_आला हज़रत का सने विलादत_*
मेरे आक़ा आला हज़रत अलैरहमा ने अपना सने विलादत पारह 28 सूरतुल मुजा-दलह की आयत 22 से निकाला है। इस आयते करीमा के इल्मे अब्जद के ऐतिबार के मुताबिक़ 1272 अदद है और हिजरी साल के हिसाब से येही आप का सने विलादत है। इस पर आला हज़रत अलैरहमा ने इरशाद फ़रमाया : मेरी विलादत की तारीख इस आयते करीमा में है :
*ये है जिन के दिलो में अल्लाह ने ईमान नक्श फरमा दिया और अपनी तरफ की रूह से इन की मदद की*
आप का नामें मुबारक मुहम्मद है और आप के दादा ने अहमद रज़ा कह कर पुकारा और इसी नाम से मश्हूर हुए।
*✍🏽तज़किरए इमाम अहमद रज़ा, 2*
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