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Monday 7 November 2016

*गुस्से का इलाज* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

_*अक्सर लोग गुस्से के सबब जहन्नम मे जाएँगे*_
     कल की पोस्ट में उस बुज़ुर्ग की गुफ्त -गु मे शैतान ने येह बात भी बताई है की गुसिला इन्सान शैतान के हाथ मे इस तरह होता है जैसे बच्चों के हाथ मे गेंद। लिहाज़ा गुस्से का इलाज करना जरुरी है। कही ऐसा न हो कि गुस्से के सबब शैतान सारे आमाल बरबाद करवा डाले। हज़रते सय्यिदुना इमाम मुहम्मद गज़ालि अलैरहमा फ़रमाते है : "गुस्से का इलाज और इस बाब मे मेहनतो मश्कक़त बरदाश्त करना फर्ज है, क्यूं कि अक्सर लोग गुस्से ही के बाइस जहन्नम मे जाएंगे। सय्यिदुना हसन बसरी अलैरहमा फ़रमाते है, ऐ आदमी! गुस्से मे तू खुब उछलता है, कही अब की उछाल तुजे दोज़ख मे न डाल दे ।

*_गुस्से  की ता 'रीफ_*
     हज़रते मुफ़्ती अहमद यार खान अलैरहमा फ़रमाते है : "गज़ब यानी गुस्सा नफ़्स के उस जोश का नाम है जो दूसरे से बदला लेने या उसे दफअ करने पर उभारे।"

*_गुस्से से जनम लेने वाली 16 बुराइयो की निशान देही_*
     गुस्से के सबब बहुत सारी बुराइया जनम लेती है जो आख़िरत के लिये
तबाह कुन है म-सलन :
(1) हसद (2) ग़ीबत (3) चुग्ली (4) कीना (5) कत्ए तअल्लूक (6)झुट (7) आबरू रेजी (8) दूसरे को हकीर जानना (9) गाली गलोच (10) तकब्बुर (11)  बे जा मारधाड़ (12) तमस्खुर (13) कत्ए रेहुमी (14) बे मुरव्वती(15) शमातत यानी कीसी के नुकसान पर राजी होना (16) एहसान फ़रामोशी वगैरा।
     वाकेई जीस पर ग़ुस्सा आ जाता है ,उस का अगर नुक्सान हो जाए तो गुस्से होने वाला खुशि महसूस करता है, अगर उस पर कोई मुसीबत आती है तो येह राजी होता है, उस के सारे एहसानात भूल जाता है और उस के तअल्लुकात ख़त्म कर देता है। बाजो का गुस्सा दिल मैं छुपा रहता है और बरसो तक नहीं जाता इसी गुस्से की वजह से वोह शादी गमी के मवाकेअ पर शिर्कत  नहीं करता। बाज लोग अगर ब जाहिर नेक भी होते है फिर भी जिस पर गुस्सा दिल मे  छुपा कर रखते है, उस का इज़्हार यूं हो जाता है कि अगर पहले उस पर एहसान करते थे तो अब नहीं करते, अब उस के साथ हुस्ने सुलूक से पेश नहीं आते, न हमदर्दी का मुजाहरा करते है.
     बाज़ रिश्तेदार ऐसे भी होते है कि उन के साथ आदमी लाख हुस्ने सुलूक करे मगर वोह राह पर आते ही नहीं मगर हमें मायुस नहीं होना चहिये। "जामेए सगीर" मे है : "जो तुझ से रिश्ता काटे तू उस से जोड़।"
*✍🏽गुस्से का इलाज, 7*
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खादिमे दिने नबीﷺ *आकिब वहोरा*
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