Pages

Monday 14 November 2016

*तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़सीरे खज़ाइनुल इरफ़ान* #76
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सूरतुल बक़रह, आयत ⑨④_*
तुम फ़रमाओ अगर पिछला घर अल्लाह के नज़दीक ख़ालिस तुम्हारे लिये हो न औरों के लिये तो भला मौत की आरज़ू तो करो अगर सच्चे हो

*तफ़सीर*
     यहूदियों के झूटे दावों में एक यह दावा था कि जन्नत ख़ास उन्हीं के लिये है. इसका रद फ़रमाया जाता है कि अगर तुम्हारे सोच के मुताबिक़ जन्नत तुम्हारे लिये ख़ास है, और आख़िरत की तरफ़ से तुम्हें इत्मीनान है, कर्मों की ज़रूरत नहीं, तो जन्नत की नेअमतों के मुक़ाबले में दुनिया की तकलीफ़ क्यों बर्दाश्त करते हो. मौत की तमन्ना करो कि तुम्हारे दावे की बुनियाद पर तुम्हारे लिये राहत की बात है. अगर तुमने मौत की तमन्ना न की तो यह तुम्हारे झूटे होने की दलील होगी.
     हदीश शरीफ़ में है कि अगर वो मौत की तमन्ना करते तो सब हलाक हो जाते और धरती पर कोई यहूदी बाक़ी न रहता.
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment