Pages

Tuesday 29 November 2016

*वुज़ू का तरीका* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     काबतुल्लाह शरीफ की तरफ मुह करके उची जगह बैठना मुस्तहब है।
     वुज़ू के लिये निय्यत करना सुन्नत है, निय्यत न हो तब भी वुज़ू हो जाएगा मगर षवाब न मिलेगा।
     निय्यत दिल के इरादे को कहते है। दिल में निय्यत होते हुए ज़बान से भी कहलेना अफ़्ज़ल है
     लिहाज़ा ज़बान से इस तरह निय्यत कीजिये की
     में हुक्मे इलाही बजा लेन और पाकी हासिल करने के लिये वुज़ू कर रहा हु।
     बिस्मिल्लाह कह लीजिये की ये भी सुन्नत है।
     बल्कि *बिस्मिल्लाहि-वलहम्दु-लिल्लाह* कह लीजिये की जब तक बा वुज़ू रहेंगे फ़रिश्ते नेकियां लिखते रहेंगे।
     अब दोनों हाथ 3-3 बार पहोचो तक धोइये,
     दोनों हाथो की उंगलियो का ख़िलाल भी कीजये।
     कम अज़ कम 3 बार मिस्वाक कीजिये और हर बार मिस्वाक को धो लीजिये।

     हज़रत मुहम्मद ग़ज़ालि अलैरहमा फरमाते है : मिस्वाक करते वक़्त नमाज़ में क़ुरआने मजीद की किराअत और ज़िकृल्लाह के लिये मुह पाक करने की निय्यत करनी चाहिये।

बाक़ी अगली पोस्ट में...इन्शा अल्लाह
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 8*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*​
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment