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Tuesday 29 November 2016

*निय्यत अ'मल से बेहतर है*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

      हुज़ूर ﷺ का फरमाने दिलकुशा है : मुसलमान की निय्यत उसके अ'मल से बेहतर है।

     अमीरुल मुअमिनीन अलिय्युल मुर्तज़ाكَرَّمَ اللّٰهُ تَعَالٰى وَجْهَهُ الْكَرِيْم ने इर्शाद फ़रमाया : बन्दे को अच्छी निय्यत पर वो इनआमात दिये जाते है जो अच्छे अ'मल पर भी नहीं दिये जाते क्यू की निय्यत में रियाकारी नहीं होती।

*_निय्यत का फल_*
     बानी इसराइल का एक शख्स क़हत साली में रेत के एक टीले के पास से गुज़रा. उसने दिल में सोचा की अगर ये रेत गल्ला होती तो में इसे लोगो में तक़्सीम कर देता।  इस पर अल्लाह عزوجل ने उनके नबी की तरफ वही भेजी की उस से फरमाए की अल्लाह ने तुम्हारा सदक़ा क़ुबूल कर लिया और तेरी अच्छि निय्यत के बदले में उस टीले के ब-क़दर गल्ला सदक़ा करने का षवाब दिया।

*✍🏽40 फरमाने मुस्तफा, स. 14-15*
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