Pages

Tuesday 17 January 2017

*नमाज़ तोड़ने वाली बाते* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     बात करना, किसी को सलाम करना, सलाम का जवाब देना,
     छिक का जवाब देना [नमाज़ में खुद को छिक आए तो खामोश रहे] अगर अलहम्दु लिल्लाह कह लिया तब भी हर्ज़ नही और अगर उस वक़्त हम्द न की तो फारिग हो कर कहे.
     खुश खबरी सुन कर जवाबन अलहम्दु लिल्लाह कहना.
     बुरी खबर [या किसी की मौत की खबर] सुन क्र इन्न-लिल्लाहि-व-इन्न-इलैहि-राजिउन कहना.
     अल्लाह का नाम सुन कर जवाबन जल जलालुहु कहना.
     सरकारे मदीना ﷺ का इसमें गिरामी सुन कर जवाबन दुरुद शरीफ पढ़ना.

*_नमाज़ में रोना_*
     दर्द या मुसीबत की वजह से ये अलफ़ाज़ "आह" "ऊह" "उफ़" "तूफ" निकल गए या आवाज़ से रोने में हर्फ़ पैदा हो गए नमाज़ फासिद् हो गई.
     अगर रोने में सिर्फ आसु निकले आवाज़ व हरुफ़ नही निकले तो हर्ज नही.
*✍🏽आलमगिरी, 1/101*
     अगर नमाज़ में इमाम के पढंने की आवाज़ पर रोने लगा और "अरे" "नअम" "हा" ज़बान से जारी हो गया तो कोई हर्ज़ नही कि ये खुशुअ के बाइस है और अगर इमाम की खुश इल्हानि के सबब ये अलफ़ाज़ कहे तो नमाज़ टूट गई.
*✍🏽दुर्रे मुख्तार, 2/456*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 184-185*
*____________________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*____________________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment