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Wednesday 25 January 2017

*सिरते मुस्तफाﷺ*
*_दसवा बाब_* #18
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*​जंगे खन्दक*​ #03
*_एक अजीब चट्टान_*
     हज़रते जाबिरرضي الله تعالي عنه ने बयान फ़रमाया की खन्दक खोदते वक़्त ना गहा एक ऐसी चट्टान नमूदार हो गई जो किसी से भी नही टूटी जब हम ने बारगाहे रिसालत में ये माजरा अर्ज़ किया तो आपﷺ उठे 3 दिन का फ़ाक़ा था और शिकमे मुबारक पर पथ्थर बाधा हुवा था आपﷺ ने अपने दस्ते मुबारक से फावड़ा मारा तो वो चट्टान रेत के भुरभुरे टीले की तरह बिखर गई।
*बुखारी, 2/588*
    और एक रिवायत ये है की आपﷺ ने उस चट्टान पर तिन मर्तबा फावड़ा मारा। हर ज़र्ब पर उस में से एक रौशनी निकलती थी और उस रौशनी में आप ने शाम व ईरान और यमन शहरों को देख लिया और इन तीनो मुल्को के फतह होने की सहाबए किराम को बिशारत दी।
*ज़ुर्क़ानी, 2/109*
     नसाई की रिवायत में है की आपﷺ ने मदाईने किसरा व मदाईने क़ैसर व मदाईने हबशा की फुतुहात का एलान फ़रमाया।
*नसाई, 2/63*

*_हज़रते जाबिर की दावत_*
     हज़रते जाबिरرضي الله تعالي عنه कहते है की फक़ो से शिकमे अक़दस पर पथ्थर बधा हुवा देख कर मेरा दिल भर आया चुनांचे में हुज़ूरﷺ से इजाज़त ले कर अपने घर आया और बीवी से कहा की मेने नबिय्ये करीमﷺ को इस क़दर शदीद भूक की हालत में देखा है की मुझ को सब्र की ताब नही रही क्या घर में कुछ खाना है ? बीवी ने कहा की घर में एक साअ जव के सिवा कुछ भी नही है, में ने कहा की तुम जल्दी से उस जव को पीस कर गूंध लो और अपने घर का पला हुवा एक बकरी का बच्चा में ने ज़बह करके उस की बोटियाँ बना दी और बीवी से कहा की जल्द से तुम गोश्त रोटी तैयार कर लो में हुज़ूरﷺ को बुला कर लाता हु, चलते वक़्त बीवी ने कहा की देखना सिर्फ हुज़ूर और चन्द ही असहाब को साथ में लाना। खाना कम ही है कही मुझे रुस्वा मत कर देना।
     हज़रते जाबिरرضي الله تعالي عنه ने खन्दक पर आ कर चुपके से अर्ज़ किया की या रसूलुल्लाह ! एक साअ आटे की रोटिया और एक बकरी के बच्चे का गोश्त में ने घर तैयार कराया है लिहाज़ा आप सिर्फ चन्द अशखास के साथ चल कर तनावुल फरमा ले, ये सुन कर हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया की ऐ खन्दक वालो ! जाबिर ने दावते तआम दी है लिहाज़ा सब लोग इन के घर पर चल कर खाना खा ले, फिर मुझसे फ़रमाया की जब तक में न आ जाउ रोटी मत पक्वाना। चुनांचे जब हुज़ूरﷺ तशरीफ़ लाए तो गुंधे हुए आटे में अपना लूआबे दहन डाल कर बरकत की दुआ फ़रमाई और गोश्त की हांड़ी में भी अपना लूआबे दहन डाल दिया। फिर रोटी पकाने का हुक्म दिया और ये फ़रमाया की हांड़ी चूल्हे से न उतारी जाए फिर रोटी पकनी शुरू हुई और हांड़ी मेसे हज़रते जाबिरرضي الله تعالي عنه की बीवी ने गोश्त निकाल निकाल कर देना शुरू किया। 1000 आदमियो ने आसूदा हो कर खाना खा लिया मगर गुंधा हुवा आटा जितना पहले था उतना ही रह गया और हांड़ी चूल्हे पर ब दस्तूर जोश मारती रही।
*बुखारी, 2/589*

*_बा बरकत खजूर_*
     इसी तरह एक लड़की अपने हाथ में कुछ खजुरे ले कर आई, हुज़ूरﷺ ने पूछा की क्या है ? लड़की ने कहा की कुछ खजुरे है जो मेरी माँ ने मेरे बाप के नाश्ते के लिये भेजी है, आपﷺ ने उन खजूरों को अपने दस्ते मुबारक में ले कर एक कपडे पर बिखेर दिया और तमाम अहले खन्दक को बुला कर फ़रमाया की खूब सैर हो कर खाओ, चुनांचे तमाम खन्दक वालो ने शिकम सैर हो कर उन खजूरों को खाया।
*✍🏽मेराज, 2/169*
*✍🏽सिरते मुस्तफा, 327*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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