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Tuesday 24 January 2017

*सिरते मुस्तफाﷺ*
*_दसवा बाब_* #17
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*​जंगे खन्दक*​ #02
*_मुसलमानो की तैयारी_*
     जब क़बाइले अरब के तमाम काफिरो के इस गढ़जोड़ और खौफनाक हमले की खबरे मदीना पहुची तो हुज़ूरे अक़दसﷺ ने अपने असहाब को जमा फरमा कर मशवरा फ़रमाया की इस हमले का मुक़ाबला किस तरह किया जाए ? हज़रते सलमान फ़ारसीرضي الله تعالي عنه ने ये राय दी की जंगे उहद की तरह शहर से बाहर निकल कर इतनी बड़ी फ़ौज़ के हमले को मैदानी लड़ाई में रोकना मस्लहत के खिलाफ है लिहाज़ा मुनासिब ये है की शहर के अंदर रह कर इस हमले का दिफाअ किया जाए और शहर के गिर्द जिस तरफ से कुफ्फार की चढ़ाई का खतरा है एक खन्दक खोद ली जाए ताकि कुफ्फार की पूरी फ़ौज़ ब यक वक़्त हमला आवर न हो सके।
     मदीने के तिन तरफ चुकी मकानात की तंग गलिया और खजूरों के झुंड थे इस लिये इन तीनो जानिब से हमले का इमकान नही था, मदीने का सिर्फ एक रुख खुला हुवा था इस लिये ये तै किया गया की इसी तरफ पाच गज़ गहरी खन्दक खोदी जाए।
     चुनांचे 8 ज़िल क़ादह सी. 5 ही. को हुज़ूरﷺ 3000 सहाबए किराम को साथ ले कर खन्दक खोदने में मसरूफ़ हो गए। हुज़ूरﷺ ने खुद अपने दस्ते मुबारक से खन्दक की हद बंदी फ़रमाई और 10 10 आदमियो पर 10 10 गज़ ज़मीन तक़सीम फरमा दी और तक़रीबन 20 दिन में ये खन्दक तैयार हो गई।
   
*✍🏽सिरते मुस्तफा, 324*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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