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Saturday 7 January 2017

*जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ*​ #14
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_11वी शरीफ अल्लाह वालो की नज़र में_* #01
     सरकार गौषे पाकرضي الله تعالي عنه की 11वी शरीफ सिर्फ जायज़ ही नही बल्कि हाजत पूरी होने के लिये तजरबा से साबित है। पहले के बुज़ुर्गाने दिन, औलिया अल्लाह इसके जायज़ होने और खैर व् बरकत के कायल और मायल थे। चन्द हवाले नकल किये जा रहे है।

     हज़रत अल्लामा मुहक्कीक व मुहद्दिस अब्दुल हक दहलवी साहिब क़िबला अलैरहमा फरमाते है : हमने अपने सरदार व आरिफ, कामिल हज़रत शैख़ अब्दुलवहाब क़ादरी को हज़रते गौषे पाकرضي الله تعالي عنه के उर्स के दिन 11वी शरीफ की मुहाफिज़त और पाबन्दी फरमाते हुए देखा। इसके इलावा हमारे शहरो में हमारे दूसरे मशाइख के नज़दीक भी 11वी शरीफ मसहूर है।
*✍🏽मसाबत बिस्सुन्नह, 242*

     यही शैख़ मुहक्कीक व मुहद्दिस दहलवी फरमाते है : हज़रत शैख़ अमान पानी फ़्ति अलैरहमा जो की औलिया अल्लाह की जमाअत में उचा मक़ाम रखते थे, रबीउल उखरा की 10 वी तारीख (11वी शरीफ की रात)  को हुज़ूर गौषे आज़मرضي الله تعالي عنه का उर्स करते थे।
*✍🏽अखबारुल अख्यार शरीफ, 242*

     हज़रत मुल्ला मुहम्मद जीवन अलैरहमा फरमाते है : दूसरे मशाइख (बुज़ुर्गाने दिन) का उर्स तो साल भर के बाद होता है लेकिन सरकार गौषे आज़मرضي الله تعالي عنه की ये निराली शान है की बुज़ुर्गाने दिन ने आपका उर्स (11वी शरीफ) हर महीने मुक़र्रर फरमा दिया है।
*✍🏽दजीजुस्सिरात, 82*
*✍🏽जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ, 17*
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