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Sunday 28 May 2017

*नापाकी की हालत में क़ुरआने पाक पढ़ने या छूने के मसाइल* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     तीनो कुल बिला लफ़्ज़े कुल ब निययते सना पढ़ सकते है। लफ़्ज़े कुल के साथ सना की निय्यत से भी नहीं पढ़ सकते क्यू की इस सूरत में इन का क़ुरआन होना मूतअय्यन है, निय्यत को कुछ दखल नहीं।

     बे वुज़ू क़ुरआन शरीफ या किसी आयत का छूना हराम है। बिगैर छुए ज़बानी या देख कर पढ़ने में मुज़ायक़ा नहीं।

     जिस बर्तन या कटोरे पर सूरत या आयते क़ुराआनी लिखी हो बे वुज़ू और बे गुस्ल को इस का छूना हराम है। इस का इस्तिमाल सब के लिये मकरूह है। हा ख़ास ब निययते शिफ़ा इसमें पानी वगैरा डाल कर पिने में हरज नहीं।

     क़ुरआने पाक का तर्जमा फ़ारसी या उर्दू या किसी दूसरी ज़बान में हो उस को भी पढ़ने या छूने में क़ुरआने पाक ही का सा हुक्म है।
*✍🏼बहरे शरीअत, जी.1 स. 326-327*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 100*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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