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Tuesday 23 May 2017

*अहकामे रोज़ा* #04
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_रोज़े से सिह्हत मिलती है_*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : बेशक अल्लाह ने बनी इस्राइल के एक नबी की तरफ वही फ़रमाई की आप अपनी क़ौम को खबर दीजिये की जो भी बन्दा मेरी रिज़ा के लिये एक दिन का रोज़ा रखता है तो उस के जिस्म को सिह्हत भी अता फ़रमाता हु और उस को अज़ीम अज्र भी दूंगा।
*✍🏼शुएबुल ईमान, 3/412, हदिष:3923*

*_साबिक़ा गुनाहो का कफ़्फ़ारा_*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जिसने रमज़ान का रोज़ा रखा और उस की हुदूद को पहचाना और जिस चीज़ से बचना चाहिये उस से बचा तो जो (कुछ गुनाह) पहले कर चूका है उस का कफ़्फ़ारा हो गया।
*✍🏼अल एहसान बि-तरतीब सहीह इब्ने अब्बास, 5/183, हदिष:3424*
*✍🏼फ़ज़ाइले रमज़ान, 101*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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