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Monday 15 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* 11
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*हर शब 60,000 की बख्शिश*
     हज़रते अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने फ़रमाया : रमज़ान की हर शब आसमानों में सुब्हे सादिक़ तक एक मुनादी ये निदा करता है : ऐ अच्छाई मांगने वाले ! मुकम्मल कर (यानी अल्लाह की इताअत की तरफ आगे बढ़) और खुश हो जा। और ऐ शरीर ! शर से बाज़ आ जा और इब्रत हासिल कर। है कोई मग्फिरत का तालीब ! कि उसकी तलब पूरी की जाए। है कोई तौबा करने वाला ! कि उस की तौबा क़बूल की जाए। है कोई तौबा करने वाला ! कि उसकी तौबा क़बूल की जाए। है कोई दुआ मांगने वाला ! कि उसकी दुआ क़बूल की जाए। है कोई साइल ! कि उसका सुवाल पूरा किया जाए।
     अल्लाह रमज़ानुल मुबारक की हर शब में इफ्तार के वक़्त 60,000 गुनाहगारो को दोज़ख से आज़ाद फ़रमा देता है। और ईद के दिन सारे महीने के बराबर गुनाहगारो की बख्शिश की जाती है।
*✍🏽अद्दुररुल मन्सूर,1/146*
     मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! माहे रमज़ान की साअते कितनी बा बरकत है कि हर लम्हा बन्दों में रहमत व मग्फिरते इलाही तक़्सीम हो रही है। ये वो माह है जिस के दिन रोज़ो में और राते तिलावते कलाम पाक में सर्फ होती है और येही दोनों चीज़े  रोज़े महशर मुसलमान के लिये शफ़ाअत का सामान भी फ़राहम करेंगे।

*रोज़ाना दस लाख गुनाहगारो की दोज़ख से रिहाई*
     अल्लाह की इनायतो, रहमतो और बख्शिशो का तज़किरा करते हुए एक मौके पर हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : जब रमज़ान की पहली रात होती है तो अल्लाह अपनी मख्लूक़ की तरफ नज़र फ़रमाता है और जब अल्लाह किसी बन्दे की तरफ नज़र फ़रमाता है और जब अल्लाह किसी बन्दे की तरफ नज़र फरमाए तो उसे कभी अज़ाब न देगा।
     और हर रोज़ दस लाख गुनाहगारो को जहन्नम से आज़ाद फ़रमाता है और जब 29वी रात होती है तो महीने भर में जितने आज़ाद किये उन गिनती के बराबर उस एक रात में आज़ाद फ़रमाता है।
     फिर जब ईदुल फ़ित्र की रात आती है। मलाइका ख़ुशी करते है और अल्लाह अपने नूर की ख़ास तजल्ली फ़रमाता है और फ़रिश्तो से फ़रमाता है "ऐ गुरोहे मलाइका ! उस मज़दूर का क्या बदला है जिस ने काम पूरा कर लिया ? फ़रिश्ते अर्ज़ करते है उस को पूरा पूरा अज्र दिया जाए अल्लाह फ़रमाता है : में तुम्हे गवाह करता हु की में ने उन सब को बख्श दिया।
*✍🏽कन्जुल उम्माल, 8/219, हदिष:23702*
*✍🏽फ़ज़ाइले रमज़ान, 25*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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