Pages

Saturday 6 May 2017

*​तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़सीरे खज़ाइनुल इरफ़ान​* #200
*​بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ​*
*​اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ​*

*_​​सूरतुल बक़रह, रुकूअ-35, आयत ②⑥⑤_*
     और उनकी कहावत, जो अपने माल अल्लाह की रज़ा चाहने में ख़र्च करते हैं और अपने दिल जमाने को (10) उस बाग़ की सी है जो भोड़  (रेतीली ज़मीन) पर हो उस पर ज़ोर का पानी पड़ा तो दो ने मेवा लाया फिर अगर ज़ोर का मेंह उसे न पहुंचे तो ओस काफ़ी है  (11) और अल्लाह तुम्हारे काम देख रहा है (12)

*तफ़सीर*
     (10) ख़ुदा की राह में ख़र्च करने पर.
     (11) यह ख़ूलूस वाले मूमिन के कर्मों की एक मिसाल है कि जिस तरह ऊंचे इलाक़े की बेहतर ज़मीन का बाग़ हर हाल में ख़ूब फलता है, चाहे बारिश कम हो या ज़्यादा, ऐसे ही इख़लास वाले मूमिन का दान और सदक़ा ख़ैरात चाहे कम हो या ज़्यादा, अल्लाह तआला उसको बढ़ाता है.
     (12) और तुम्हारी नियत और इख़लास को जानता है.
*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment