Pages

Sunday 14 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* #09
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*माहे रमज़ान में मदनी फूल* #04
क़ुरआन में सिर्फ रमज़ान ही का नाम लिया गया और इसी के फ़ज़ाइल बयान हुए। किसी दूसरे महीने का न सराहतन नाम है न ऐसे फ़ज़ाइल। औरतो में सिर्फ बीबी मरयम رضي الله عنها का नाम क़ुरआन में आया। सहाबा में सिर्फ हज़रते ज़ैद इब्ने हारिसा رضي الله عنه का नाम क़ुरआन में लिया गया जिस से इन तीनो की अज़मत मालुम हुई।

     रमज़ान में इफ्तार और सहरी के वक़्त दुआ क़बूल होती है। यानि इफ्तार करते वक़्त और सहरी खा कर। ये मर्तबा किसी और महीने को हासिल नहीं।

     रमज़ान में 5 हरुफ़ है رمضان.  इन में ر से मुराद "रहमते इलाही" م से मुराद "महब्बते इलाही" ض से मुराद "ज़माने इलाही" ا से मुराद "अमाने इलाही" ن से मुराद "नुरे इलाही"।
     और रमज़ान में 5 इबादत खुसूसी होती है। रोज़ा, तरावीह, तिलावते क़ुरआन, एतिकाफ, शबे क़द्र में इबादत। तो जो कोई सिद्के दिल से ये 5 इबादत करे वो उन 5 इनामो का मुस्तहक़ है।
*✍🏽तफ़सीरे नईमी, 2/208*
*✍🏽फ़ज़ाइले रमज़ान, 19*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment